"माँ तुझे सलाम"
"माँ तुझे सलाम"


सरहद कि लकीरों में पहरा देने वाला
ना हिंदू न मुस्लिम पर भारतीय होता है,
जब किसी मोहल्ले में गुप्ता जी का बेटा
शहीद होता है तो पड़ोस वाला रहीम भी रोता है,
हरे, नारंगी रंगों में बाँट कर मज़हबी चोले में
सजाते हो पर यहाँ तो इन रंगों से तिरंगा बनता है,
गर्व होता है प्रत्येक भारतीय को
ऐसे देश में जन्म लेने पर,
जहाँ हर पग में भाषाओं, मज़हब और
लिबास का रूप बदलता है,
पर सबके दिल कि जुबान से सिर्फ
एक ही शब्द निकलता है "माँ तुझे सलाम"
देश एक विभिन्नताएं अनेक इसलिए तो
अपना देश भारत है विश्व में विशेष,
गर्व होता है हम सबको ये जानकर कि
ऐसी पवित्र भूमि है जिसको संसार प्रणाम करता है,
ये वो देश है जहां पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण
अलग-अलग राज्यों में अद्भुत संस्कृतियों का
समावेश मिलता है,
पर सबकी धुन, छनक, राग में
एक शब्द गूँजता है "माँ तूझे सलाम"
चाहे हो कोई बीमारी या वैश्विक महामारी
इस देश के युवा ने हर बार बाज़ी मारी,
हमारी भारतीय संस्कृति ही तो है मानवीय
मूल्य सिखाने वाली,
उत्कृष्ट सभ्यता का कितना करो सम्मान कम होता है,
देश कि शान में एक शब्द अर्पित होता है "माँ तूझे सलाम"