सास बहू का रिश्ता
सास बहू का रिश्ता
सास बहू का रिश्ता अनूठा।
बहू का पति बना है सासू का बेटा।
सासू मां का राज दुलारा
बहू का वह पति है प्यारा।
बेटे को बहू लगती है प्यारी
सासू मां की भी वही राज दुलारी।
वह घर जो सासू मां का अपना था।
उस घर के लिए सजाया उसने जो सपना था।
उन सपनों को पूरे करेगी बहु रानी।
घर की परंपरा को आगे बढ़ाएगी बहुरानी।
सासू मां उससे प्यार से सिखाती।
अपने कुल की रीत बताती।
बहू के मन की वह आसानी से समझ पाई।
क्योंकि वह भी तो थी एक दिन पराई जाई।
बहुत सालों पहले वह भी बहू की तरह ही उस घर में थी आई।
बीते समय के साथ हर बहू ही सासू में बदल पाई।
बेटियां उनकी गई पराए घर।
बहू के रूप में उन्होंने अपनी बेटियां पाई।
