नेट फ्री है क्या?
नेट फ्री है क्या?
फ्री है नेट या फ्री है हम।
इस मुफ्त नेट के चक्कर में ही व्यस्त हो रहे हैं हम।
रील्स बदलते रहते हैं,
बिस्तर से उठ नहीं पाते हैं।
रोना हर समय हम समय अभाव का गाते हैं।
सबसे मिलना छोड़ दिया।
मूड बदलना सीख लिया।
रीलों के जैसे ही मूड बदलते जाते हैं।
आज इस मोबाइल के चक्कर में बच्चे भी पढ़ नहीं पाते हैं।
ग्रहणियों का तो हाल न पूछो घर के सारे काम रह जाते हैं।
पुरुष अब घर में क्यों और क्या देखें,
हसीन नज़ारे तो मोबाइल में ही पाए जाते हैं।
इस फ्री नेट के चक्कर सब समय गंवाए जाते हैं।
वृद्ध जनों का तो टाइम पास
हो गया है मोबाइल खास।
हम भी सुबह सवेरे लेकर मोबाइल यही सोचते जाते हैं
फ्री नेट है या इस नेट के चक्कर में हम फ्री हुए जाते हैं।
