चेहरे
चेहरे
वो चेहरे हमेशा बड़े उदास होते हैं
जो झूठ की चादर को ओढ़े होते हैं
वो चेहरे वाकई में बड़े खिले होते हैं,
जो सत्य का कोहीनूर लिये होते हैं
उन चेहरों के यहां उड़ते तोते हैं,
जो चेहरे किसी के गुलाम होते हैं
वो चेहरे हमेशा बड़े उदास होते हैं
जो झूठ की चादर को ओढ़े होते हैं
वो चेहरे हमेशा जीवन मे रोते हैं
जो अपनी असली हंसी खोते हैं
वो चेहरे यहां जिंदा मुर्दे होते हैं,
जो अपनी मासूमियत खोते हैं
वो चेहरे हमेशा बड़े उदास होते हैं
जो झूठ की चादर को ओढ़े होते हैं
जिंदगी में यहां जो जैसा बोता हैं,
वैसा ही यहां वो फल भोगता हैं
जो चेहरे यहां जैसे कर्म करते हैं,
वैसे ही वो अपना चेहरा धोते हैं
वो चेहरे बड़े अचरज भरे होते हैं
जो, सच ईमानदारी से भरे होते हैं
वो चेहरे हमेशा बड़े उदास होते हैं
जो झूठ की चादर को ओढ़े होते हैं
वो चेहरे यहां सच मे आईना होते हैं
जो भीतर, बाहर सम अक्स होते हैं
वो चेहरे ही वाकई में जिंदा होते हैं
जो चेहरे इंसानियत से भरे होते हैं
वो चेहरे जानवरो से बदतर होते हैं
जो ईर्ष्या, लोभ, मद से सने होते हैं
वो चेहरे हमेशा बड़े उदास होते हैं
जो झूठ की चादर को ओढ़े होते हैं
कुछ चेहरे दिखने में मनु से होते हैं
पर स्वभाव, कर्म में वो दैत्य होते हैं
जो चेहरे दया, मानवता छोड़े होते हैं
वो इंसान होकर भी राक्षस होते हैं
वो ही चेहरे सूर्य से चमकीले होते हैं,
जो नेकी, दया, धर्म, सत्य से भरे होते हैं।
