हिंदी
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हिन्दी है अनमोल प्राणी
सब रस को घोल रे प्राणी
वर्णों की वर्षा हुई
शब्द हरियाली छाई है
प्रेम के ढाई अक्षर से
ऋतु बहार आई है
मीठा-मीठा बोल रहे प्राणी
मिश्री सी घोल रे
हिंदी है अनमोल,
मेरी-तेरी कहानी से
जीवन लड़ गूंथ पायी है
रिक्त स्थान को भर लें प्राणी
टूटी डोर अब जोड़ लें
मिलन सार हो रे प्राणी
हिंदी है अनमोल,,
जगत है अब सूना-सूना
अंहकार स्याही छाई है
ज्ञान का सूरज चमका कर
अन्धकार को तोड रे
हिंदी है अनमोल प्राणी
सुख में लिप्त है मानव
दुख की करुणा ना आई है
मानवता का दीप जलाकर
सबका हित सोच ले
हिंदी है अनमोल प्राणी,