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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

मां तू ही मेरी जन्नत है

मां तू ही मेरी जन्नत है

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मां तू ही मेरी जन्नत है

मां तू ही मेरी मन्नत है

मां तुझसे ही मिली है,

मुझे यहां पे इज्जत है 


तेरा मुझपे करम है

तू मेरे रुह की क़लम है

तू रब से कम नहीं है

तू खुदा की आयत है


मां तू ही मेरी जन्नत है

मां तू ही मेरी मन्नत है

मां की सेवाकरनेवाला,

ईश्वर का सच्चा भक्त है


जो बहाते इसका रक्त है

उसे मिलती सज़ा सख़्त है

वो बनते टूटे दरख़्त है

मां का तोड़ते जो तख़्त है


मां तो एक पवित्र छत है

फरिश्ते और नबी भी,

करते इसकी ईबादत है

मां तू ही मेरी जन्नत है


मां तू ही मेरी मन्नत है

जब तुझसे दूर होता हूँ

तब में न सोता हूँ

तेरी ममता से ही में


जिंदगी में जिंदा होता हूँ

तेरी याद में,मां मेरे

आंसू बहते हर वक्त है

मां तू ही मेरी जन्नत है

मां तू ही मेरी मन्नत है।


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