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Anjali Kashyap

Inspirational

4.7  

Anjali Kashyap

Inspirational

सच

सच

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एक किस्से को याद कर,

जाने दिल कितनी बार रोता है,

अरे उसने कहा मैंने सुना ,

बस ये किस्सा यहीं खत्म होता है।


उस की हद है कि 

वो अच्छा कह नहीं सकता,

ये दिल जानता है फिर भी ,

अपने दायरे में रह नहीं सकता ।


वो मुझसे झूठ कहता है ,

फिर कोरे पन्ने पर तहजीब लिखता है ,

अरे, सच जानती हूँ मैं फिर भी ,

उसमें मुझे यकीन दिखता है ।


सौदे कितनी ही किए उम्र भर ,

कुछ जीते और कुछ हार गए,

मगर मसला तो तब हुआ जब,

किस्मत के खिलाफ हम बाजी मार गए।



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