जिंदगी
जिंदगी
किसी को तकलीफ़ हज़ार देती है,
तो किसी को ख़ुशियाँ परोसती है जिंदगी,
माना कदम डगमगा जाते हैं,
पर आगे बढ़ने से कहाँ रोकती हैं जिंदगी।
जो कहते हैं खुश रहा करो उनसे पूछो,
खुश होने की वजह देती है क्या जिंदगी,
रो लिया करो जब मन उदास हो,
क्यूँकी आँसुओं में तकलीफ़ बहा लेती है जिंदगी।
किसी के लिये मोहब्बत लिखती है तो,
किसी के हक़ में दोस्ती रखती है जिंदगी,
जो साथ चल सके उम्र भर,
ऐसा कोई तो ज़रुर देती है जिंदगी।
अपने ही उसूलों पे चलती है,
किसी के दर पे कहाँ ठहरती है जिंदगी,
ख्वाहिशें तो सब रखते हैं, पर सच बताओ,
ख्वाहिशों से बनती है क्या जिंदगी?