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Anjali Kashyap

Tragedy

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Anjali Kashyap

Tragedy

आखिरी खत

आखिरी खत

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मेरी अम्मी के कब्र के दायें,

मेरा जनाजा रखना,

जो मेरे अब्बू का आखिरी खत है,

उसे उस दिन की नमाज में पढ़ना।


जो मेरे जन्म का दिन है,

उस दिन रोटी का दान करना,

तुम गर होश खो भी बैठो तो भी,

हर औरत का मान रखना।


हर साल बस ईद के दिन,

मेरे नाम एक पैगाम लिखना,

मेरी मौत के बाद हो सके तो,

अपनी अम्मी को अपने साथ रखना।


मेरी वसीयत तुमको लिख दी है,

बस दो गज जमीं अपने नाम रखी है,

हो सके तो आखिरी दीदार दे देना,कि

तेरे अब्बू का अब इस जहाँ मे काम नहीं है।


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