aazam nayyar

Abstract Tragedy Inspirational

4.2  

aazam nayyar

Abstract Tragedy Inspirational

शबनम

शबनम

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जीस्त से मत जा सनम मेरी तू मौसम की तरहा

तू उतर जा दिल में ही मेरे सरगम की तरहा


बह मत आंसू बनकर तू आँखों से मेरी मगर 

तू निगाहों में ही मेरी बस जा यूं नम की तरहा


मैं ख़ुशी की राह यूं ही देखतें मर जाऊंगा 

पी रहा हूँ रोज़ ग़म मैं हाय ये रम की तरहा


तू नहीं करनी मुहब्बत चाहता मत कर मुझसे 

मत सता मुझको मगर यूं रोज़ तू ग़म की तरहा


बेवफ़ा को याद मत कर भूल जा दिल से उसे 

याद में जल मत किसी की तू यूं आज़म की तरहा 


जिंदगी में दोस्त इक तू सच्चा वरना सब बेवफ़ा 

बेवफ़ा मत होना तू भी यार हमदम की तरहा 


जिंदगी में गुल मुहब्बत के सदा खिलते रहे 

तू बरस जा ए सनम आज़म पे शबनम की तरह।

आज़म नैय्यर 


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