भलाई ही तो माँगी थी !
भलाई ही तो माँगी थी !


तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी !
मैंने क्या जुर्म किया आप ख़फ़ा हो बैठे
प्यार माँगा था ख़ुदाई तो नहीं माँगी थी !
मेरा हक़ था तेरी आँखों की छलकती मय पर
चीज अपनी थी पराई तो नहीं माँगी थी !
चाहने वालों को तूने सिर्फ सितम ही दिया
तेरी महफ़िल में रुसवाई तो नहीं माँगी थी !
दुश्मनी की थी अगर वह भी निभाता ज़ालिम
तेरी हसरत में भलाई ही तो माँगी थी !
अपने दीवाने पे इतने भी सितम ठीक नहीं
तेरी उलफ़त में बुराई तो नहीं माँगी थी !