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Hoshiar Singh Yadav Writer

Inspirational

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Hoshiar Singh Yadav Writer

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शिक्षक महिमा

शिक्षक महिमा

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श्री कृष्ण के गुरु होते संदीपन,

श्री राम के गुरु कहाए वशिष्ठ,

शिक्षक गुरु का होता वो रूप,

सर्वोत्तम स्थान है जन विशिष्ठ।


कवियों ने गुरू महिमा बताई

फिर क्यों दोष लगाता समाज,

अपने दोष छुपाने की ख़ातिर,

शिक्षक की बुराई होती आज,


शिक्षक जग को राह दिखाता,

भावी देश का बनाते आधार,

समाज के हैं वो सजग प्रहरी,

अपने शिष्यों को देता है प्यार।


ज्ञान विज्ञान का, होता सागर,

ज्ञान से भरे, शिष्य की गागर,

जगत दे बेशक, कम सम्मान,

विकसित देश की, गुरु शान।


शिक्षक दिवस है शिक्षक का,

आओ करे नई एक पहल शुरू,

नतमस्तक होते हैं उस देव को

गुरू कहलाता है आखिर गुरू।


शिक्षक रामलाल का कहना,

शिक्षा जगत में अच्छा गहना,

शिक्षा के खातिर कष्ट सहना,

बेशक बिना भोजन के रहना।


शिक्षा पाता विद्वान कहलाता,

पूरे ही जगत में सम्मान पाता,

अंधेरा सहकर, दीपक जलाता,

अशिक्षा से, कुरूप बन जाता।


कहाता ईश्वर का, ही वो रूप,

कृति प्रभु की, होती है अनूप,

करो शिक्षक का अब प्रणाम,

होता जगत उनका ऊंचा नाम।



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