STORYMIRROR

Ankita Sinha

Inspirational

4  

Ankita Sinha

Inspirational

स्त्री

स्त्री

1 min
261

सृष्टि का खूबसूरत 

अवतार हैं हम स्त्री

तेज धार कि वह 

बौंछार हैं हम स्त्री

हमें फूल भी 

कह सकते हो 

वक्त मे आग की 

चिंगार हैं हम स्त्री।

 

आत्मा की जज्बातों 

को जो ललकारें, 

उत्तर तेरे आंखों की

वह आग हैं हम स्त्री

तपती जलती सुलगती

संवेदना की सार हैं हम स्त्री।


टूटती बिखरती जलती 

बाँती की तरह जलते

एक पवित्र गंगा की 

मजबूत धार हैं हम स्त्री

घाव की पीप बनकर 

तेरी आंखों को 

लहुलूहान कर जाएंगे

ऐसी कटार तलवार 

हैं हम स्त्री।

हमे जो घायल करें

दरिंदों के जिंदगी की मौत 

के तलबदार हैं हम स्त्री


मेरी ममता को 

शर्मशार गर तू करें।

मिटा दे तेरे व़जू़द को ऐसी 

हथियार हैं हम स्त्री

हाँ सृष्टि की खुबसूरत 

अवतार है हम स्त्री।



Rate this content
Log in

More hindi poem from Ankita Sinha

Similar hindi poem from Inspirational