कहानी अपनी है
कहानी अपनी है
हर सुबह एक नई रोशनी लेकर आती है
हर कोना हमें अपनी मंजिल की ओर ले जाती है।
हर रात अनुभवों से पालकी सजाती है
हर पल हमसे बहुत कुछ कहता है
हर मिनट कुछ ना कुछ सिखाती है
हर पल और मिनट जुड़कर जो घंटा बनता है
वह हमारी कहानी व्यक्त करता है।
जीत चाहे अपनी हो या फिर हार अपना हो
लेकिन कहानी तो हमेशा अपनी ही रहती है।
और उसे हमको खुद ही लिखना होता है।
कभी इस आशा में मत रहिए मेरे दोस्त
कोई आकर तुम्हारी मदद करेगा।
कहानी तुम्हारी है तुम्हें अपनी क्षमता आशा
अनुभवों के कलम से खुद लिखना है।
करना है कि तुम्हें जिंदगी का समुंदर में डूब
जाना है या फिर तैरकर उसे पार करना है।
आशा की नाव में अनुभवों से आगे बढ़ो।
मेरी यह तमन्ना है , कि तुम अपनी कामयाबी को हासिल करो।
और कभी रुकना नहीं जब तक कि तुम अपनी
कामयाबी हासिल नहीं कर लेते
रुकनाना नहीं जब तक कि तुम उस
ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाते जो तुम्हारे ख्वाब में है।