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B. sadhana

Tragedy

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B. sadhana

Tragedy

इंतजार है

इंतजार है

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जिंदगी एक ऐसा सपना बन गई है

जिसे एक नजर देख न पाए ना छुपा पाए।।

हकीकत से कोसो दूर है ,मगर एहसास

एक कदम दूर नहीं एक कदम दूर नहीं।।


खुशी कही एक संदूक में है कैद।

दुख: की बरसात बरसे हर पल।।

ख़्वाबों का इमारत टिके ना एक पल

बिखरा बिकरा हर एक पल है ।।


ना कोई हल पूछने वाले 

ना कोई साथ देने वाले रहें आज

बस एक किनारा है जो मुड़े किस ओर

जान पाना ना मुमकिन हैं।।


हर रोज मैं तरसू सूरज के एक जलक पाने के लिए ,

ना जाने कभी नसीब होगा या नहीं,

वक्त बीता ऐसे जैसे मेरे सारे सपने 

संग उड़ा ले गया अपने ।।


बस इस सफर में एक साथी रहा मेरा

मेरे आंसु , जो एक पल दूर ना हुए मुझसे

और मेरे अंदर अब सहने के पूरी क्षमता

खत्म हो चुकी है ।।


अब ना ही कोई उम्मीद है

ना ही कोई शिकायत ।।

बस उस पल का इंतजार है 

जो मेरे इस जन्म का अखरी होगा।।

 


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