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Archana Tiwary

Abstract

4  

Archana Tiwary

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ये रातें

ये रातें

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227


कुछ थमी थमी गहराई सी रात है 

कुछ अनसुनी 

कुछ अनकही सी रात है 

ख्वाब है मेरे हसीन

 इस रात को भी मालूम है 


झिलमिल सितारे संग 

जाग रहे स्वप्न मेरे

जगमग सी रात 

रोशन सारा जहां है 


दिखा टूटा तारा एक कहीं दूर 

कह दी चुपके से दिल की बातें 

पूरी जो हुई यह तमन्ना मेरी

 बन जाएगी दुनिया जन्नत मेरी

रात की ये खामोशी


कहती न जाने बातें कई

सुन पाता वही

अहसास होते 

जागे जागे से जिनके।


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