उसमें खो गए
उसमें खो गए
उससे नजरें मिलीं
और उसके हो गये
उसने छुआ क्या
उसमें खो गये
तो उसमें खोकर
उसके होकर
पहुंचे जीवन के घाट पर
और यहाँ लगा हुआ है मेला
भावों का
रंग विरंगे भाव
खोये हुये हैं लोग भावों में
इतने कि
जीवन के घाट पर
जीवन ही फ्रिज हो गया है
थोड़ी सी ऊर्जा चाहिये
जीवन को पिघलने के लिये
हमने तो पत्थर को
पिघलते हुये देखा है
और उम्मीद कर रहे हैं
जीवन भी पिघलेगा
और चलेगा दुनिया के मेले में
उसके साथ
जिसका होकर
जिसमे खोये हुये थे
और खोये हुये हैं।
