धूप
धूप
बाहर तेज धूप है रानी निकला ना कीजिये
गोरा है तेरा मुखड़ा कही काला ना हो जाए
नाजुक सा तेरा बदन नाजुक सी तेरी चाल
तुझे देखने वाले सब हो जाते है हाल बेहाल
संभल के चल कहीं पांव फिसल ना जाए
तेरे आने रास्ते पे सब आंख बिछाये बैठते है
तू ना दिखे एक पल तो गम के आंसू रोते है
मुखड़े पे पर्दा रख कहीं नजर न लग जाए
तू चीज ऐसी है तुझे देखने सब मरते है
तू ना मिली एक दिन तो जीने से डरते है
रब से मांगे दुआ तुझे लंबी उमर मिल जाए