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गुमनाम शहीद

गुमनाम शहीद

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आज़ादी को भारत ने कितने बलिदान दिये होंगे

कुछ लिखे गए इतिहास में लेकिन कुछ गुमनाम रहें होंगे

जो प्राण गंवा निज वसुंधरा पर, बने वीर बलिदानी थे

इतिहास के पन्नों पर उनके, कुछ तो अधिकार रहें होंगे

सजल भाव से जिन वीरों को, भारत ने सदा पुकारा है

उन गुमनाम शहीदों को, श्रद्धा नमन हमारा है।

निज सुख साधन सब छोड़ चले, भारत को प्रबल बनाने को

प्रत्याशा के दीप जला, अँधियारा सकल मिटाने को

वो पागल कुछ दीवाने थे, सर पर कफ़न संभाले थे

बाँध कफन वो थाम चले, भारत के विकल जमाने को

प्रत्याशा के दीप जला, अँधियारा सकल मिटाने को

जो कर्तव्यों को तत्पर थे, भारत को सकल सँवारा है

उन गुमनाम शहीदों को, श्रद्धा नमन हमारा है।

अमिट छाप जो छोड़ गये, स्मृति की दीवारों पर

स्वेद नहीं शोणित हैं उनका, भारत के श्रृंगारों पर

आने वाला भारत गर बीते भारत को भूल गया

ये होगा इल्जाम सदा, इतिहास के पहरेदारों पर

स्वेद नहीं शोणित हैं उनका, भारत के श्रृंगारों पर

इतिहास भी जिनको भूल गया, पर भारत ऋणी ये सारा है

उन गुमनाम शहीदों को, श्रद्धा नमन हमारा है।


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