किंतु जब मैं ढलता हूँ, मुझे कोई नमन नहीं करता है, थके हुये मेरे तन को, कोई आर्ध्य नहीं देता, किंतु जब मैं ढलता हूँ, मुझे कोई नमन नहीं करता है, थके हुये मेरे तन को, कोई आर्ध...
दहकते अंगारों जैसे मखमली लाल पलाश दहकते अंगारों जैसे मखमली लाल पलाश
सुख-दुःख की कथा गुथता चल, मन में ॐ की माला फेरता चल. सुख-दुःख की कथा गुथता चल, मन में ॐ की माला फेरता चल.
तुम गलत सोचती हो संध्या, कोई सूर्य से नहीं डरता, मैं स्वर्णिम रोशनी देती हूँ, स्वर्णपुरी में रहती... तुम गलत सोचती हो संध्या, कोई सूर्य से नहीं डरता, मैं स्वर्णिम रोशनी देती हूँ, ...
गया प्रभात, गई दुपहरिया हुई सुबह से शाम मन तू भजेगा कब, हरि नाम गया प्रभात, गई दुपहरिया हुई सुबह से शाम मन तू भजेगा कब, हरि नाम
पर्वतों के श्वेत हिम पर स्वर्णिम रश्मियां पड़ रहीं पर्वतों के श्वेत हिम पर स्वर्णिम रश्मियां पड़ रहीं