रक्त का प्रवाह तीव्रता से चल पड़ा ह्रदय जोर जोर से धड़कने लगा , रक्त का प्रवाह तीव्रता से चल पड़ा ह्रदय जोर जोर से धड़कने लगा ,
तुम गलत सोचती हो संध्या, कोई सूर्य से नहीं डरता, मैं स्वर्णिम रोशनी देती हूँ, स्वर्णपुरी में रहती... तुम गलत सोचती हो संध्या, कोई सूर्य से नहीं डरता, मैं स्वर्णिम रोशनी देती हूँ, ...
'थामे हों हाथों में हाथ ग़म औ खुशियों में साथ साथ, हो प्रेम तुम्हारा मुझ पर ‘अवि’रत बस यही प्रार्थना ... 'थामे हों हाथों में हाथ ग़म औ खुशियों में साथ साथ, हो प्रेम तुम्हारा मुझ पर ‘अवि’...
जीवन संगीत मधुर हो जाएगा मन प्रफुल्लित हो आगे बढ़ेगा। जीवन संगीत मधुर हो जाएगा मन प्रफुल्लित हो आगे बढ़ेगा।
आओ हम एक दीप जलाकर, स्वर्णिम विजय वर्ष मनाएं । आओ हम एक दीप जलाकर, स्वर्णिम विजय वर्ष मनाएं ।
जिसने खोजा था ज्ञान यहाँ उसे अज्ञानी कहा गया जिसने खोजा था ज्ञान यहाँ उसे अज्ञानी कहा गया