गया प्रभात, गई दुपहरिया हुई सुबह से शाम मन तू भजेगा कब, हरि नाम गया प्रभात, गई दुपहरिया हुई सुबह से शाम मन तू भजेगा कब, हरि नाम
दुर्दिन आज बढ़ रहे हैं सज्जन तप कर रहे हैं। दुर्दिन आज बढ़ रहे हैं सज्जन तप कर रहे हैं।