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Vinay Anthwal

Inspirational

3.7  

Vinay Anthwal

Inspirational

परिवर्तन की बेला

परिवर्तन की बेला

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परिवर्तन की बेला है

संसार बदलने वाला है।

खुशियाँ लौटेंगी फिर सबकी

संसार संवरने वाला है।


आशाएँ लेकर मन में

नया विश्वास भरना है।

विघ्न-बाधाओं से जग में

नहीं कभी भी डरना है।


बढ़ रहा संताप जग में

हो रहा निपात जग में

दुर्दिन आज बढ़ रहे हैं

सज्जन तप कर रहे हैं।


पाप एक दिन मिट जाएगा

पुण्य स्वयं संवर जाएगा।

मानव पावन बन जाएगा

सत्य स्वयं निखर जाएगा।


आशान्वित होकर के हमको

नया जहान बनाना है।

पल्लवित करके उसको ही

नया संसार बसाना है।


मानव सर्वोत्तम रचना है

सिद्ध इसको कर देंगे।

प्रबुद्ध बनकर के हम सब

हर्षित जगत बना देंगे।


नव जीवन होगा मानव का

नया बसेरा होना है।

धरणी सुखमय फिर से होगी

नया सवेरा होना है।


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