STORYMIRROR

Vinay Anthwal

Inspirational

4  

Vinay Anthwal

Inspirational

बेटी

बेटी

1 min
436


बेटी का जो जन्म, जिस घर में होता है

सौभाग्य भी दस्तक,  उस घर में देता है। 


बेटी का ये जन्म दुर्लभ होता है। 

मानव क्यों इसको समझ न पाता है। 


बेटी का तो जन्म अलभ्य होता है 

मानव ही जग में सभ्य होता है। 


बेटी जन्म से ही तो वंद्य होती है 

नारी बनकर के भव्य होती है। 


रक्षा बेटियों की अब सबको करनी है 

बेटियों से ही सँवरती धरणी है। 


अनमोल है बेटी अनुपम नारी है 

सबको तो अब ये समझना जरुरी है। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational