कन्या और नारी
कन्या और नारी
कन्या जन्म नारी जीवन
ये दोनों महान हैं
माता मेदिनी का हमको
ये सुन्दर वरदान हैं।
धरती जैसे गुण हैं इनमें
धीरज, ममता, सहनशीलता
सुन्दर निर्मल छवि है इनकी
ज्ञान शुचिता पतिव्रता की।
मान, सम्मान प्रेम मिले तो
घर को स्वर्ग बना देती हैं
दिव्य गुणों की धारणा हो तो
मानव को देव बना देती हैं।
पथभ्रष्ट हो मानव कोई तो
सुपथगामी बना देती हैं।
मानव को जन्म देकर के
उसे ऊर्ध्वगामी बना देती हैं।
कन्या रुप देवी जैसा
नारी रुप गृहलक्ष्मी सा।
पापियों को दण्डित करती
भीषण रुप महाकाली सा।
परमशक्ति की सुन्दर रचना
धरती का सुन्दर सा गहना।
इन दोनों को वंदन करता
बारम्बार नमन हूँ करता l