ज्ञान के सागर
ज्ञान के सागर
आंखों में सूरज सी रोशनी,
होठों पर है जिनके मधुर सी
मुस्कान।
जिसका मन कुछ नया ,
करने की चाह है रखता।
वो हैं गुरुदेव आप....
हर पल दोस्ताना रखा जिसने,
सबके दिलों को छुआ जिसने।
वो हैं गुरुदेव आप....
करुणामय वो शब्द आपका ,
मुस्कुराते रहो है कितना प्यारा।
खुशियों की सौगात अपनी
मुट्ठी में भर कर ,
सपनों को साकार करने का
हौसला दिलाया।
जिसका मन है रहता
नदी की तरह पवित्र सदा
वो हैं गुरुदेव आप........
है मुझको मालूम अंधेरों में ,
दीयों कि लोह है लहलाती।
है मुझको मालूम अंधेरों के ,
ऊपर जलती है बाती।
आप के अपार ज्ञान ने सबके
अंधेरों को मिटाया।
उजाला किया जिसने सबके चेहरों पर।
वो हैं गुरुदेव आप !