बेटियां
बेटियां
चंचल, शैतान, नदान, भोली
सी होती है बेटियां
मोहक मुस्कान मधुर आवाज़ से
सबको लुभाती है बेटियां
मां-बाप का गौरव, देश की
शान होती है बेटियां
घर लगता है सूना सूना जब विदा
होती हैं बेटियां
मां-बाप जिनकी छाया में रहती तब
तक ना होती कोई जिम्मेदारी न
करती किसी की परवाह
शादी होने पर सब जिम्मेदारियों को
हंसते-हंसते संभालती है
अपने सपनों को बिसरा कर परिवार
के सपनों को सजाती है बेटियां
अपनी ख़ुशियों की बलि चढ़ा कर
परिवार की ख़ुशियों को ही अपना
मानती है बेटियां