मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती

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मुझे मेरे देश से प्यार है
मेरे देश के किसान
खेत में श्रम का बीज बोते हैं
सुनहरी फसलों से,
देश में खाद्यान्न की आपूर्ति होती हैं।
मेरे देश के सिपाही
विषम परिस्थितियों में
सीमाओं की रक्षा करते हैं
देश में अमन - चैन के वे पहरेदार हैं।
मेरी माताएँ,
शिशुओं पर ममता बरसाती हैं
वे उसकी अंगुली थामकर बड़े होते हैं।
मेरे देश के बच्चे,
जो देश के भावी कर्णधार हैं
वे पढ़ - लिखकर ,
देश को अपनी सेवाएं देते हैं।
मेरे देश के मज़दूर,
वे आधुनिक भारत के निर्माता हैं
उनके परिश्रम से,
भवनों को आकार- प्रकार मिलता हैं।