नूर ख़ास सा है
नूर ख़ास सा है
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उनका नूर कुछ खास सा था
कुछ अनकही बातें तो कुछ
अनकहा प्यार सा था
वो बिन बोले सब कुछ बोल जाते थे
आँखों ही आँखों सब ब्यान कर जाते थे
उनसे यूँ दोस्ती से इश्क़ होना सब खेल है
प्यार मोहब्बत सब एक रेल है
वो इन्सान कुछ यूँ सा है प्यार
इतना करता की कभी जाता नहीं पाता
अंदर ही अंदर टुटसा जाता है
लेकिन प्यार बेशक करता है
लेकिन प्यार बेशक करता है।