नारी
नारी
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मैं एक नारी हूं ,
ना अबला हूं ना दुरबला ।
भगवान की एक अनोखा उपहार हूं
विचित्र दुनिया की एक
सुंदर चित्र हूं मैं।
कभी बेटी
कभी बहन
कभी पत्नी
कभी बहू
तो कभी माँ हूँ मैं
कभी परिवार की रक्षा करती हूं
तो कभी अन्याय का प्रतिवाद करती हूं..
ना कभी हारने से डरती हूं
ना बिना वजह झुकती हूं
बस अपने सम्मान को
अपने साथ ले के चलती हूं।
मैं नारी हूं
ममता की मूरत हूं
त्याग, बलिदान की सूरत हूं
मैं नारी हूं।
मेरे माथे की बिंदी पति के नाम है ..
आंचल में जगत के बच्चों के लिए प्यार है
दिल में सब के लिए त्याग है
पर झूठ, अन्याय के खिलाफ
हमेशा मेरी आत्मा खड़ी है।
मैं एक नारी हूं
ना मैं अबला हूं
ना मैं लाचार हूं
सबके लिए प्यार के मूरत हूं
पर अन्याय के खिलाफ
हर वक़्त खड़ी हूं
मैं एक नारी हूं
मैं नारी हूं
ममता की मूरत हूं
त्याग, बलिदान की सूरत हूं
मैं नारी हूं
मैं एक नारी हूं।