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Shyam Kunvar Bharti

Inspirational

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Shyam Kunvar Bharti

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मकर संक्रांति चलो मनाएं

मकर संक्रांति चलो मनाएं

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मकर संक्रांति आई पतंग चलो उड़ायें

उड़े ऊंचाई जैसे सोच पेंच चलो लड़ाएं,

डोर पतंग की थाम खूब तुम रखना

कट न जाये उम्मीदे डोर चलो बचाएं

उड़ने दो अरमानो को उंची पतंग जैसे

गिर ना जाये जमीन जमीर चलो बचाएं

सर्दियों का मौसम ठंड है बहुत यहा

काँपते गरीब को कंबल चलो ओढ़ाए

दही चूड़ा तिलकुट है मजा खूब लेना  

वहा भूखे प्यासों की भूख चलो मिटायें

अहले शुबह गंगा स्नान तुम कर लेना 

धोकर बुराई अपने पाप चलो मिटायें

खत्म हुआ खरमास शुभ कर्म अब होगा

है सुंदर पर्व गले अछूतो चलो लगायें

लगा मेला संग बच्चो खुशिया मना लो

रोते हुये बच्चे बाहो झूला चलो झुलाएं

माता -पिता बड़े बुजुर्गो भूलना नहीं

छूकर पाँव मकर संक्रांति चलो मनाएं!


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