दो बातों से..
दो बातों से..
दो बातों से
मन हल्का हो गया ,
सूखे मन में
बारिश हल्का हो गया ..!
रिश्तों में अपनापन है
मन में अकेलापन है
क्यों आँखे ,आज नम हो गया,
दो बातों से
मन हल्का हो गया.. !!
दो पल का आना है
गुज़रा कई जमाना है
कुछ बातें बाकी हैं
कुछ बातें हो गया
दो बातों से
मन हल्का हो गया ,
सूखे मन में
बारिश हल्का हो गया.. !!
एहसासो की तार है
दर्द में बजता सितार है ,
एक संगीत का दरिया है
डूबता इसमें संसार है.. !!
उम्र की दिवार नहीं
रिश्तों का नाम नहीं
बस यूँ ही राहों में, मिलना हो गया ,
दो बातों से
मन हल्का हो गया ,
सूखे मन में
बारिश हल्का हो गया.. !!!
