हास्य
हास्य
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हंसने का भगवान ने उपहार
दिया है सिर्फ इंसान को यार।
हंस के कोई जाता है मिल
तो दिल जाता है खिल।
हंसता हुआ हर कोई मिले यही चाहत
हास्य से मिलती है गमों से राहत।
हंसी है दवा हर रोग की
यह दवा होती है मुफ्त की।
बांटने से बिखर जाती है हंसी
सब में फैल जाती है हंसी।
हंसी बटोरे बांटो मुफ्त में
सभी को खुश रखो मुफ्त में।
हंसी का ना कोई देश, धर्म या भाषा
ये तो है दिलों की भाषा।