सच
सच
फटी जेब करा देती
एहसास सच्चाई का
कौन अपना-पराया
इंतहान मानो खुद का
सच यही है आज का
पैसा ही सबकुछ है
खाली जेब रहो तुम
कोई नहीं पहचानता है
जेब खाली हो या फटी
हालत एक जैसी ही है
ना पैसा तुम्हारे पास तो
कोई नजदीक नहीं आता है
पैसों की इस होड़ में
हर काई खो जाता है
जेब अगर रहे गरम तो
वही भगवान हो जाता है।