STORYMIRROR

Neerja Sharma

Inspirational

4  

Neerja Sharma

Inspirational

पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण संरक्षण

2 mins
793

मानव और प्रकृति 

पूरक हैं एक दूसरे के 

अधूरे हैं इक दूजे बिन।

बातें बड़ी-बड़ी

काम कुछ नहीं, 

ज़िम्मेदारी को कोई तैयार नहीं,

फिर कैसे हो जीवन रक्षण?


जितना सबल होगा पर्यावरण, 

उतना सुरक्षित होगा मानव जीवन,

पर, क्या सच में मानव जीवन सुरक्षित है?

शायद नहीं...

एक भ्रम,

हम सुखी हैं, हम ख़ुश हैं;

क्या सही अर्थों में ऐसा है?

शायद नहीं...

अपने ही स्वार्थ ने हमें भटकाया है, 

अपने ही जीवन को असुरक्षित बनाया है,

पर्यावरण हो रहा है दूषित, 

सोचते हैं ख़ुद को सुरक्षित!


न मनन किया, न विचार किया;

केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रचार किया,

दो चार स्लोगन लिखे 

भाषण दिया 

पल्लू झाड़ लिया।

बस, क्या यही है हमारी ज़िम्मेदारी!


जहाँ बैठे वहीं कूड़ा 

जहाँ दिल आया वहीं थूका,

हाथ काग़ज़ कहीं भी फैंका, 

खायी चीज़ों के छिलके, रैपर पता नहीं, कहीं भी 

जब ऐसी होगी सोच 

तो हर जगह मिलेगी शौच!


स्वच्छता का न कोई भाषण काम आयेगा, 

हर तरफ़ गंदगी का ढेर पनप जायेगा,

बड़ी-बड़ी ज़िम्मेदारी की नहीं कर बात, 

बस आम आदमी बदल ले स्वयं को आज,

जब अपने लिए सफ़ाई अभियान शुरू हो जायेगा, 

अड़ोस-पड़ोस सुन्दर हो जायेगा,

जब आस-पास होगी सफ़ाई 

तो मोहल्ले में कहाँ होगी गंदगी मेरे भाई।


जब मोहल्ला साफ़ तो शहर, गाँव साफ़ 

देश भी अपने आप हो जायेगा स्वच्छ,

जितना होगा पर्यावरण स्वच्छ 

उतना हो जायेगा जीवन संरक्षण,

हर व्यक्ति का प्रयास 

भर सकता है पर्यावरण संरक्षण का सागर 

फिर डुबकियाँ लगाओ हर पल जी भरकर,

हर उस कार्य का कर दो त्याग 

जो पर्यावरण में लगाता है दूषित आग,

अपनी सोच को केवल इस ओर लगाओ 

वातावरण को शुद्ध व स्वच्छ बनाओ।


इसी से होगा जीवन सुरक्षित 

जीवन दर को मिलेगा संरक्षण,

पर्यावरण संरक्षण को बना लें अपना स्वार्थ, 

स्वार्थ सिद्ध के हों फिर पूर्ण प्रयास,

सच में नई क्रान्ति का विचार फिर आ जायेगा

नव जीवन नव स्फूर्ति पा जायेगा, 

'पर्यावरण संरक्षण' न उठेगा सवाल 

जीवन में न रहेगा कोई मलाल,

पर्यावरण व जीवन दोनों सुरक्षित हो जायेंगे 

स्वर्ग का आनंद फिर यहीं पायेंगें,

स्वर्ग का आनंद फिर यहीं पायेंगें। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational