STORYMIRROR

Shivprasad Rahate

Abstract

3  

Shivprasad Rahate

Abstract

तितली।

तितली।

1 min
205

दूर पेड पर देखो तो, 

एक गोल सा गोला दिखता है।

मगर कौन जाने की वह,

एक अलग दुनिया समाता है।


जो सुंदरता और प्यार का 

प्रतिक कहलाता है।

जब वह गोला फटता है,

तब दो दुनियाओ का मिलन होता है।


जो एक जीव को जन्माती है,

जो जग मे प्यार और शांति फैलाती है।

इसीलिए वह एक तितली कहलाती हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract