नफरत के झुलसते मरूस्थल में प्रेम की शीतल छाँव नहीं है। नफरत के झुलसते मरूस्थल में प्रेम की शीतल छाँव नहीं है।
निर्मल नदी बहा दो नफरतों की सारी जड़ें काट दो निर्मल नदी बहा दो नफरतों की सारी जड़ें काट दो
ज्ञान में तब क्षमा प्रबल है, क्षमा करना क्या सरल है ? ज्ञान में तब क्षमा प्रबल है, क्षमा करना क्या सरल है ?
मुस्कुराना है जरूरी जीने के लिए, रोज़ एक नकली हँसी चेहरे पे लगता हूँ मैं कोई पढ़ ना ले कहीं इ... मुस्कुराना है जरूरी जीने के लिए, रोज़ एक नकली हँसी चेहरे पे लगता हूँ मैं ...
निश्शंक होय बढ़ते जो, मंजिल पाते हैं बल-बूते पर अपने वो अव्वल आते हैं। परिचय श्रेष्ठ बनाना हो त... निश्शंक होय बढ़ते जो, मंजिल पाते हैं बल-बूते पर अपने वो अव्वल आते हैं। परिच...
तुझमें है बाकि अविरल प्रकाश मन क्यूं होता है यूँ बदहवास। तुझमें है बाकि अविरल प्रकाश मन क्यूं होता है यूँ बदहवास।