क्षमा करना क्या सरल है ?
क्षमा करना क्या सरल है ?
क्रोध की सुनते कहानी,
मान (अभिमान) हो उसपे जो भारी
बीच पिसता जीव जग में,
क्षमा करना क्या सरल है ?
बाह्य क्यों तू झाँक खुद में,
ज्ञान तो कैवल्य सम है,
साक्षात् भगवन मार्ग कहते,
चल पड़े तो समय कम है,
क्षमा करना क्या सरल है ?
बनता जो क्रोधित तू मनुष्य,
द्वीपायन सम तेज लिए है,
कर अरे जो क्रोध त्यागन,
वहीं तेरा जीवन सफल है,
क्षमा करना क्या सरल है ?
बहुत ऊँचे ख्वाब तेरे,
बहुत लिए संवेदनायें,
क्रोध-मान जब लगे फींके,
ज्ञान में तब क्षमा प्रबल है,
क्षमा करना क्या सरल है ?
