जब साथ तुम्हारा होता है
जब साथ तुम्हारा होता है
जाने अनजाने ही होती हैं
छोटे बच्चे सी करनी हैं,
एक मुस्कान खिली सी आ
जब साथ तुम्हारा होता है।
अपनों की आवाज है तुझमें,
वात्सल्य प्रेम अल्फ़ाज हैं तुझमें,
एक ऊर्जा प्रखर बिखराती है,
जब साथ तुम्हारा होता है।
जैसे बसंत का इंद्रधनुष,
तेरी हस्ती त्यों "दीप्त" शिखा,
एक जुड़ाव मित्र सा होता है,
जब साथ तुम्हारा होता है।