हर दिन होली
हर दिन होली
1 min
268
रंग बरसे, आई होली
हर चेहरे पर हंसी ठिठोली ।
गुझिया बानी, अनरसे बने
दही भल्ले की हाट लगी ।
चुग-चुग खाये हर घर में
जाति पाति की दीवार ढही ।
रंगे सभी एक ही रंग में
अमीर-गरीब की खाई मिटी ।
रंग लो मन को प्यार के रंग में
रहे न ईर्ष्या द्वेष भाव कहीं ।
हम सब एक ही भारत मां के अंश
समझ लो एक बात सही ।
सब मिलकर रचो विश्व नया
हर दिन होली ,रुंधे न हंसी ठिठोली ।
सुधा आदेश