चुनाव : एक त्यौहार
चुनाव : एक त्यौहार
प्रचार है , प्रहार है ,
इरादों में रफ़्तार है ,चुनाव का रण क्षेत्र ये,
यहाँ शब्द ही तलवार है।
जान दांव पर लगी , ईमान दांव पर लगा ,
कौन किसका शिकार है और कौन पहरेदार है ,
कोई सीधा वार करता है ,
कोई छुपकर प्रहार करता है ,
यहाँ कौन है कितना निडर ,
और कौन कितना डरता है ,
आचार क्या , विचार क्या ,
यहाँ जीत क्या , यहाँ हार क्या ,
सब कुछ यहाँ छुप जाता है ,
सब कुछ यहाँ बिक जाता है,
कोई दीप यहाँ जला रहा ,
कोई अँधेरा फैला रहा ,
किसी के इरादे नेक हैं ,
कोई झूठ का अम्बार है।
कैसा भी हो , जैसा भी हो ,
ये चुनाव का त्यौहार है।