तलाश
तलाश
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ऐ मेरी मौत !
तू कहाँ कहाँ भटका करती है ?
मैंने तुम्हें तलाशा था,
जब बाप दारू के नशे में
नंगा नाँच रहा था
ऐ मेरी मौत !
तू उस वक्त कहाँ थी ?
जब मेरी माँ दम तोड़ रही थी
और मैं गिड़गिड़ा रहा था,
शतरंज खेलते सरकारी डॉक्टर से ,
उसे देखने के लिए
ऐ मेरी मौत !
तू उस वक्त भी नहीं आई
जब मेरी बहन को
गुंडे रौंद रहे थे
और मैं बेबस
खड़ा निहार रहा था
ऐ मेरी मौत !
तू अब भी नहीं आ रही है
जबकि लोग मुझे
पागल कहकर पत्थर
मार रहे हैं..