कथाकार,कवि हंस,पाखी,कथाबिम्ब,बया,उद्भावना,कथाक्रम,वागर्थ,वाक्,पुष्पगंधा,अभिनव इमरोज,परिंदे,वसुधा,चिंतनदिशा,साहित्य अमृत,इन्द्रप्रस्थ भारती,लहक,मधुमती,हरिगंधा,कथा समय,लमही,जनसंदेश टाइम्स,दैनिक हरिभूमि,जनसत्ता,में कहानियां प्रकाशित.
उस पावन धरती के हम पुष्प कमल, उस जननी मातृभूमि को हम भारत माता कहते हैं। उस पावन धरती के हम पुष्प कमल, उस जननी मातृभूमि को हम भारत माता कहते हैं...
क्योंकि विद्या ना आना अन्धकार है, पिछड़ापन है, अगतिशीलता है। क्योंकि विद्या ना आना अन्धकार है, पिछड़ापन है, अगतिशीलता है।
जब कभी भी निशा आगोश में ले, तुम महसूस करोगी, तुम मेरा आलिंगन। जब कभी भी निशा आगोश में ले, तुम महसूस करोगी, तुम मेरा आलिंगन।
मौत के बाद ही भूख ग़रीब का साथ छोड़ती है ,भूख गरीब की सबसे वफादार साथी जो होती है। ... मौत के बाद ही भूख ग़रीब का साथ छोड़ती है ,भूख गरीब की सबसे वफादार साथी जो होती है।...
लम्बी बीमारी में मनुष्य याद करता है अपने दुष्कर्म की कहीं उसी का प्रतिफल तो नहीं है ये बीमारी लम्बी बीमारी में मनुष्य याद करता है अपने दुष्कर्म की कहीं उसी का प्रतिफल तो नहीं...
मैं संघर्ष कर उस शेर को मारने की कोशिश करूंगा, इससे मुझे संतोष मिलेगा की मैंने प्रतिरोध किया मैं संघर्ष कर उस शेर को मारने की कोशिश करूंगा, इससे मुझे संतोष मिलेगा की मैंने प...
मैंने तुम्हारी प्रशस्ति में कविताओं की बाढ़ ला दी थी, अपने प्यार में डुबोने के लिए मैंने तुम्हारी प्रशस्ति में कविताओं की बाढ़ ला दी थी, अपने प्यार में डुबोने...
मेरी मौत तुम कहाँ थी मैंने तुम्हें तलाशा जब मेरी माँ दम तोड़ रही थी और मैं सरकारी डॉक्टर के सामने गि... मेरी मौत तुम कहाँ थी मैंने तुम्हें तलाशा जब मेरी माँ दम तोड़ रही थी और मैं सरकार...
उनके प्यार के काबिल बने यह सोचकर बदली अपनी शख्सियत फिर भी रुसवा हुई चाहतें हमारी उनके प्यार के काबिल बने यह सोचकर बदली अपनी शख्सियत फिर भी रुसवा हुई चाहतें हमारी
बाज़ आये ऐसी मोहब्बत से अच्छे थे हम इसके बिना ही ! बाज़ आये ऐसी मोहब्बत से अच्छे थे हम इसके बिना ही !