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DrMousumi Parida

Inspirational

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DrMousumi Parida

Inspirational

हालात से मजबूर

हालात से मजबूर

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पसीना बहाकर भी गरीब की भूख

मिटती है कभी

सोने के लिए छत मिले या न मिले 

नींद कहीं भी पूरी हो जाती है !

खुद को गिरवी रख कर 

जरूरतें शायद मुकम्मल होते हैं

हालात से जूझते हुए दर्द की कश्ती में 

खुश होने की वजह 

फिर भी रोज़ ढूंढ लेते हैं


उनके दर्द में जीने की ज़िद 

आँखों में छोटे छोटे सपने 

किस्मत को बदलने की चाह लिए 

कभी हादसों से मरते हैं

तो कभी हालात से

फिर भी जीने के लिए 

सुबह से शाम तक 

मजबूरी से खूब लड़ते हैं


उनकी हँसी, नदी के नाद लिए 

बहा लेता है सारी परेशानियाँ

कुछ आस लिए, हार जीत को पीछे छोड़ 

चल पड़ते है रोज़मर्रा जिंदगी में

लाचारी को फेंकते हुए


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