यादों के मिश्री
यादों के मिश्री
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यादों की मिठास
लिए गाँव जब
ज़हन में आता है
होठों में हँसी मन में
मिश्री घुल जाती है ..
खेत से आम के पेड़ तक
फूलों के बगीचे से
दादी के पान बक्से तक
यादों की उन हरियाली
खेतों में
ख़ुशियाँ लहराती है
परम्पराओं का गुलदस्ता लिए
संस्कृति महकती है !
प्यार के तराने लिए
दूर से कोई पास बुलाता है