किस्से हम दोनों के
किस्से हम दोनों के


कभी धुंधला न हो जाए किस्से हमारे
स्याही से लिखने को डरती हूं |
कागज में जीवन के तस्वीरें कैसे बनाऊं
जलने या खो जाने से कतराती हूं |
आत्मा में तुम ही तुम रहते हो ,
कागज का टुकड़ा ज्यादा क्या बोलेगा !
उस पर लिखा जो नाम तुम्हारे
कोई इसे न कभी मिटा पाएगा !