अपने
अपने

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परिवार से अपने
अपनो से ही परिवार,
मुकम्मल होती है हर ख्वाहिशें
जब मिलता है प्यार बेशुमार।
फुलों से सुगंधित
सारे जग से भी प्यारा,
परिवार ही आन बान शान सब का।
जीवन के हर पल जो
साथ निभाए
सुख दुख में भी गले लगाए,
समय के बहाव से रेत चुरा के
खूब हँसाए, नजदीक लाए
आशाओं की किरणों से
आंगन सजाए।
अपना पराया भेद भुला के
हर पल को खुशहाल बना के
एक ही धागा में माला की तरह
सारे जीवन जो साथ निभाए
लगाव के साथ समय बिताए
परिवार को नई दिशा दिखाए।