कर प्रयास-कर प्रयास
कर प्रयास-कर प्रयास
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हार के न थकना है,
न थक के हार माननी।
जो चल पड़ा तो चल पड़ा,
है हर दीवार लांघनी।
प्राण-प्रण को एक कर,
समेट कर नई तू आस।
कर प्रयास, कर प्रयास
कमी कभी कमी नहीं,
यह ज़िंदगी थमी नहीं।
जो दृढ़ रहा तू राह में,
तो फिर कोई नमी नहीं।
कर पहल, संभल के चल,
बढ़ा स्वयं का तू विश्वास।
कर प्रयास, कर प्रयास
भूकंप या तूफान हो,
या सामने शैतान हो।
संघर्ष का पकड़ ले हाथ,
साथ तेरे ज्ञान हो।
जिज्ञासु बन मनुज तू स्वयं,
जगा स्वयं में ज्ञान-प्यास।
कर प्रयास, कर प्रयास
संगी साथी कौन है?
वसुंधरा ये मौन है।
विरुद्ध तेरे बह रही,
प्रलय की जो पौन है।
हवा का रुख तू मोड़ दे,
है शक्ति सारी तेरे पास।
कर प्रयास, कर प्रयास
जहान झांक देखता,
उम्मीद-आंख देखता।
मुझे पता है तू ही है,
नहीं वो खाक देखता।
झोंक डाल होम में,
जो ओम का यदि तू दास।
कर प्रयास, कर प्रयास
ना काम हो, ना क्रोध हो,
ना लोभ-मोह-मान हो।
सहयोग-सत्य-धैर्य हो,
तप-त्याग-विद्यमान हो।
तू नर नहीं, तू नारायण,
हृदय में तेरे 'उस' का वास।
कर प्रयास, कर प्रयास।