स्कूल
स्कूल


जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण है स्कूल
यही रखता बुनियाद आने वाले कल की
कहते हैं अगर हो अच्छी नींव
तो इमारत नहीं गिरती,
अगर स्कूल में की हो ठीक पढ़ाई,
तो जिंदगी में कभी नहीं होगी रुसवाई
किंतु इसमें है सबसे अधिक योगदान
स्कूल के अध्यापक का श्रीमान
उसे किताबें पढ़ाने के अलावा
जीवन के मुल्यों पे भी देना होगा ध्यान
तभी बच्चे बन पाएंगें श्रेष्ठ नागरिक
समाज को बना पाएंगे मानविक।
सरकारों को भी होना चाहिए सतर्क
स्कूली शिक्षा पे होना चाहिए अधिक वल,
विद्यार्थियों के चौमुखी विकास का करना
चाहिए प्रयास।
कि
ंतु आज के विद्यार्थी के जीवन में
बहुत तनाव,
भविष्य को लेकर रहता परेशान
हमने उसको बना दिया पढ़ने की मशीन,
24 में से 18 घंटें होता किताबों के बीच,
वो कोई हौबी नहीं रखता,
न उसको किताब रटने के अलावा कोई
और कुछ बताता।
शिक्षा विदों को चाहिए, बच्चों के पाठ्यक्रम
करें कम,
जिससे वो खेल, सैर-सपाटा, कल्चरल
फंगशन में भी ले सकें भाग,
और दोस्तों में भी कर सकें गपशप,
तभी वो बन पाएगा कुशल समाजिक प्राणी,
जीवन जी पाएगा होकर तनाव मुक्त,
तभी स्कूल सच में ले जाएगा विद्यार्थी
को सुनहरे भविष्य की ओर।