STORYMIRROR

monika kakodia

Inspirational

3  

monika kakodia

Inspirational

विरांगना

विरांगना

1 min
214

श्रृंगार सोलह तार कर

वियोग योग धार कर

विधवा नहीं वीरांगना

वनवास जीवन सार कर


आँसुओं के घूँट पी

गर्वित मगर बिलखता जी

विधवा नहीं वीरांगना

अंतिम विदा प्रिय को दी


कैसे जीवन व्यतीत हो

पूरी ये कैसे रीत हो

विधवा नहीं वीरांगना

अब हौसलों की जीत हो


परिवार के लिए मुस्का रही

हर फर्ज़ को निभा रही

विधवा नहीं वीरांगना

पुत्रवधु, पुत्र बन दिखा रही



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational